'चक्रवात
सागर' पश्चिम से दक्षिण पश्चिम की तरफ 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ आने वाली
हवाएं 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे
की रफ्तार से बढ़ रही है। माना जा रहा है कि अगले 12 घंटों
तक सागर एक चक्रवाती तूफान बना रहेगा। वहीं हवाओं की गति और ज्यादा बढ़ने की
उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार यह तूफान आधी रात को पश्चिम और दक्षिण पश्चिम की
तरफ बढ़ेगा। चक्रवात के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश,
पंजाब, हरियाणा, यूपी,
राजस्थान, दिल्ली, उसके
आसपास, पश्चिमी यूपी में अगले तीन दिनों में आंधी-तूफान आने
की संभावना है। इसके अलावा विभाग ने तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और
लक्षद्वीप में चक्रवाती तूफान 'सागर’ की
चेतावनी दी है।
यह तूफान पश्चिम से दक्षिण पश्चिम
की तरफ 18 किलोमीटर
प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ आने वाली हवाएं 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही
है। माना जा रहा है कि अगले 12 घंटों तक सागर एक चक्रवाती तूफान बना रहेगा। वहीं हवाओं की गति और ज्यादा बढ़ने
की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार यह तूफान आधी रात को पश्चिम और दक्षिण पश्चिम
की तरफ बढ़ेगा। इसके अलावा विभाग ने चेतावनी दी है कि उत्तरी उत्तर प्रदेश में कल
तेज हवाएं और तूफान आ सकता है।
कहा जा रहा है कि तूफान की वजह से यूपी के सिद्धार्थनगर, कुशीनगर औऱ महाराजगंज प्रभावित होंगे। विभाग ने अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि यूपी के उत्तरी इलाकों में बारिश और तूफान की संभावना है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि अक्टूबर से मार्च के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और उत्तरी मैदानी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ एक सामान्य घटना है। हालांकि जो चीज असामान्य है वह है इसका अप्रैल से मई के बीच होना।
विभाग ने जारी किए यह निर्देश
- समुद्र में चलने वाले जहाजों से कहा गया है कि वह या तो अपने रास्ते बदल लें या फिर बंदरगाहों पर तूफान के थमने का इंतजार करें।
- चक्रवात सागर के कमजोर पड़ने तक मछुआरों से कहा गया है कि वह समुद्र में मछली पकड़ने के लिए ना जाएं।
- अरब सागर से खाड़ी देश जाने वाले जहाजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह गुजरात के तटीय क्षेत्रों पर रुक जाएं।
कहा जा रहा है कि तूफान की वजह से यूपी के सिद्धार्थनगर, कुशीनगर औऱ महाराजगंज प्रभावित होंगे। विभाग ने अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा है कि यूपी के उत्तरी इलाकों में बारिश और तूफान की संभावना है। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का कहना है कि अक्टूबर से मार्च के बीच पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और उत्तरी मैदानी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ एक सामान्य घटना है। हालांकि जो चीज असामान्य है वह है इसका अप्रैल से मई के बीच होना।
विभाग ने जारी किए यह निर्देश
- समुद्र में चलने वाले जहाजों से कहा गया है कि वह या तो अपने रास्ते बदल लें या फिर बंदरगाहों पर तूफान के थमने का इंतजार करें।
- चक्रवात सागर के कमजोर पड़ने तक मछुआरों से कहा गया है कि वह समुद्र में मछली पकड़ने के लिए ना जाएं।
- अरब सागर से खाड़ी देश जाने वाले जहाजों को निर्देश दिए गए हैं कि वह गुजरात के तटीय क्षेत्रों पर रुक जाएं।