केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर
ने कहा है कि केन्द्र सरकार के लिये शिक्षा चुनावी या फिर राजनैतिक विषय नहीं
बल्कि सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने आज समग्र शिक्षा योजना की शुरुआत करते हुए
कहा कि इस योजना से स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव आयेगा। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज यहां एक समारोह में समग्र शिक्षा योजना की शुरुआत की।
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुश्वाहा, सचिव स्कूल शिक्षा अनिल स्वरूप,
रीना रे तथा अपने संबोधन में जावड़ेकर ने कहा कि ‘‘सबको शिक्षा अच्छी शिक्षा‘‘ प्रदान करने की
प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने
एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों और प्रौद्योगिकी को
एकीकृत करके सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि ‘‘समग्रा’ का अर्थ
पूरी तरह से शिक्षा के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है और इस योजना को बहुत ही
उपयुक्त नाम दिया गया है क्योंकि यह स्कूल शिक्षा को समग्र रूप से शिक्षा के
विभिन्न स्तरों में विभाजित किए बिना देखता है। श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि
पहले तीन योजनाओं अर्थात एसएसए, आरएमएसए और टीचर एजुकेशन पर 2017-18
में 28,000 करोड़ रुपये बजट था लेकिन नई
योजना पर बजट व्यय अब 2018-19 में 34,000 करोड़ रुपये हो गया है और वर्ष 201 9-20 में यह 41,000
करोड़ रुपये होगा यानी इसमें 20% की वृद्धि
हुई है जो शिक्षा के लिए केंद्र सरकार की वचनबद्धता को दशर्ती है। लगभग दस लाख
स्कूलों को 5 हजार से 20 हजार तक
लाइब्रेरी अनुदान मिलेगा व खेलों को बढ़ावा देने के तहत खेल उपकरण मिलेंगे जिससे
खेलेगा इंडिया खिलेगा इंडिया का सपना साकार होगा । उन्होंने बताया कि कस्तूरबा
गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) को कक्षा 6-8 से कक्षा 6-12
तक विस्तारित किया जाएगा। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र
कुश्वाहा ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरु आत है। उन्होंने कहा कि
यह हमारे बच्चों को ऑल-राउंड कौशल के साथ लैस करने का प्रयास है जिसमें बच्चों का
अकादमिक विकास होने के साथ साथ शारीरिक तथा व्यवसायिक विकास होगा ताकि वे भारत के
भविष्य के विकास के लिए एक मजबूत नींव रख सकें।