भारतीय बैंकों के
हजारों करोड़ रुपये की रकम ले कर भागे कारोबारी विजय माल्या के सदंर्भ में ब्रिटिश
प्रधानमंत्री थेरेसा मे को प्रधानमंत्री मोदी की दो टूक सुननी पड़ी। दरअसल ब्रिटिश
पीएम ने भारतीय जेलों की स्थिति पर परोक्ष टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से
पूछा था कि प्रत्यर्पण की स्थिति में माल्या को कहां रखा जाएगा?
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक
अंदाज में कहा था कि जहां ब्रिटिश हुकुमत के वक्त महात्मा गांधी और जवाहर लाल
नेहरू को रखा गया था। इसका खुलासा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंत्रालय की
उपलब्धियां गिनाने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया।
सुषमा ने बताया कि कॉमनवेल्थ देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश पीएम के समक्ष माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उठाया। माल्या मामले की सुनवाई के दौरान यूके कोर्ट ने प्रत्यर्पण की स्थिति में भारतीय जेलों की जांच की बात कही थी।
इसी संदर्भ में ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे ने प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहा कि भारत सरकार माल्या को कहां रखेगी। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोर्ट की टिप्पणी का परोक्ष जवाब देते हुए कहा कि जेल की स्थिति पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। ये वही जेलें हैं जहां ब्रिटिश हुकूमत ने कभी महात्मा गांधी और पंडित नेहरू को रखा था।
सुषमा ने माल्या की प्रत्यर्पण की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि हमने इस आशय की सिफारिश भेज दी है। फिलहाल कानूनी लड़ाई जारी है।
सुषमा ने बताया कि कॉमनवेल्थ देशों की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश पीएम के समक्ष माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उठाया। माल्या मामले की सुनवाई के दौरान यूके कोर्ट ने प्रत्यर्पण की स्थिति में भारतीय जेलों की जांच की बात कही थी।
इसी संदर्भ में ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे ने प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहा कि भारत सरकार माल्या को कहां रखेगी। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोर्ट की टिप्पणी का परोक्ष जवाब देते हुए कहा कि जेल की स्थिति पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। ये वही जेलें हैं जहां ब्रिटिश हुकूमत ने कभी महात्मा गांधी और पंडित नेहरू को रखा था।
सुषमा ने माल्या की प्रत्यर्पण की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि हमने इस आशय की सिफारिश भेज दी है। फिलहाल कानूनी लड़ाई जारी है।