परिवार कल्याण मंत्री
रीता बहुगुणा जोशी को पांच माह से धोखे में रखकर पद पर तैनात रहे राष्ट्रीय
स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के महाप्रबंधक मानव संसाधन संदीप कुमार सक्सेना को हटाया
जाएगा।
मंत्री ने स्वयं जिस अधिकारी को
निलंबित करने की घोषणा की थी, उसी ने जिला स्तर के 15 कर्मचारियों का संविदा नवीनीकरण नहीं किया तो धोखेबाजी का मामला सामने आ
गया।
इस अधिकारी ने नर्स, एएनएम, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के रिजल्ट में गड़बड़ी की थी। इससे भाजपा सरकार और परिवार कल्याण विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। इसी के बाद मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने महाप्रबंधक से सभी कार्य वापस लेने के आदेश दिए थे।
सोमवार को परिवार कल्याण मंत्री की नाराजगी की खबर ‘अमर उजाला’ में छपने के बाद एनएचएम कार्यालय में संदीप सक्सेना अपने केबिन में नहीं बैठे। यही नहीं, उनसे कोई काम भी नहीं लिया गया।
बता दें, संविदा पर तैनात जिस अधिकारी महाप्रबंधक मानव संसाधन संदीप कुमार सक्सेना को मंत्री ने हटाने के निर्देश 27 दिसंबर 2017 को दिए थे, उसने पांच महीने कैसे अपनी सीट पर कार्य किया, अब इस पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
इस अधिकारी ने नर्स, एएनएम, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती के रिजल्ट में गड़बड़ी की थी। इससे भाजपा सरकार और परिवार कल्याण विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। इसी के बाद मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने महाप्रबंधक से सभी कार्य वापस लेने के आदेश दिए थे।
सोमवार को परिवार कल्याण मंत्री की नाराजगी की खबर ‘अमर उजाला’ में छपने के बाद एनएचएम कार्यालय में संदीप सक्सेना अपने केबिन में नहीं बैठे। यही नहीं, उनसे कोई काम भी नहीं लिया गया।
बता दें, संविदा पर तैनात जिस अधिकारी महाप्रबंधक मानव संसाधन संदीप कुमार सक्सेना को मंत्री ने हटाने के निर्देश 27 दिसंबर 2017 को दिए थे, उसने पांच महीने कैसे अपनी सीट पर कार्य किया, अब इस पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
यह
था मामला
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 22 जुलाई 2017 को 4072 पदों के
लिए ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया था। इनमें 2809 पद एएनएम,
1386 स्टाफ नर्स, 409 लैब टेक्नीशियन,
66 लैब अटेंडेंट और 18 पद पीआरओ के थे। इन
पदों के लिए लगभग 93 हजार आवेदन आए थे। 5 नवंबर को परीक्षा हुई और 22 दिसंबर को परिणाम घोषित
हुआ। ऑनलाइन परिणाम में कई अभ्यर्थियों को न्यूनतम अंक होने के बावजूद ऑनलाइन
रिजल्ट में चयनित दिखा दिया गया, जबकि कई अभ्यर्थियों को
अनुत्तीर्ण। इसका खुलासा होने पर एनएचएम से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया था।