Saturday, June 23, 2018

उ.प्र. : विभागों के विलय की तैयारी


नीति आयोग की सिफारिश पर 94 से घटाकर 37 विभाग करने की तैयारी
सूबे में विभागों की फेहरिस्त का आकार जल्द छोटा होगा। केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में भी सरकारी विभागों का नए सिरे से पुनर्गठन होगा। नीति आयोग की मंशा के मुताबिक प्रदेश सरकार 94 विभागों को उनकी उपयोगिता, संसाधन व प्रकृति के आधार पर समायोजित करके 37 विभागों तक लाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एनेक्सी में कई मंत्रियों के साथ बैठक कर विलय के लिए बनी समिति का प्रजेंटेशन देखा। मुख्यमंत्री ने अभी इसमें रिव्यु पर जोर दिया। बैठक में विभागों के विलय को लेकर अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट को देखने के बाद मुख्यमंत्री श्री योगी ने और जानकारी मांगी है। रिव्यु के लिए सीएम ने निर्देश भी जारी किए हैं। विभागों के विलय को लेकर अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गयी थी। सीएम के साथ बैठक में कानून एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक,वन मंत्री दारा सिंह चौहान, मुख्य सचिव राजीव कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव उच्च व माध्यमिक शिक्षा व लोक निर्माण विभाग संजय अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव संजीव शरण, अपर मुख्य सचिव व पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव महेश कुमार गुप्ता, संजीव कुमार मित्तल, सचिव नियोजन नीना शर्मा तथा समाज कल्याण आयुक्त सहित आला अफसर शामिल थे। उल्लेखनीय है कि अभी तक प्रदेश में तकरीबन 94 विभाग हैं। इन विभागों की कार्यशैली कई बार एक जैसी होती है, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने कहा कि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष रखी तो सीएम ने उसको और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुनरावलोकन पर जोर दिया।इन विभागों पर नहीं पड़ेगा कोई असर : राजस्व, नागरिक उड्डयन, सूचना, आबकारी, सतर्कता, सार्वजनिक उद्यम, निर्वाचन, न्याय, खाद एवं रसद, संसदीय कार्य, लोक सेवा प्रबंधन, मुख्यमंत्री कार्यालय, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स।प्रस्तावित ढांचे की जद में आ सकते हैं कई विभाग : कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, शिक्षा युवा कल्याण एवं खेलकूद विभाग, ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, सड़क निर्माण से जुड़े विभाग, बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्य, परिवार कल्याण, उपभोक्ता संरक्षण, बांट एवं माप सहित कई अन्य विभाग आ सकते हैं।

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