खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए देश में ‘खेलो इंडिया’ जैसी मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन सिगरा स्टेडियम
में खिलाड़ियों का प्रशिक्षण ठप पड़ा है। दरअसल, सिगरा
स्टेडियम में 18 खेलों से जुड़े प्रशिक्षकों का 28 फरवरी को करार समाप्त हो चुका है, तब से लेकर अब तक
नए प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसके बावजूद खिलाड़ियों से बेहतर
प्रदर्शन और मेडल की आस की जाती है।
वाराणसी के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के बल पर देश ही नहीं, बल्कि विश्व में अपना नाम रोशन
किया है। सैकड़ों खिलाड़ी हर दिन सिगरा स्टेडियम में पसीना बहाते हैं, लेकिन उनका मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षक ही नहीं है। इसका कारण 28
फरवरी को प्रशिक्षकों का कांट्रैक्ट समाप्त होना है। यही नहीं,
स्टेडियम में विभिन्न कार्यों के चलते खेल का मैदान भी नसीब नहीं हो
रहा है। कुछ खिलाड़ी आते हैं और फिर लौट जाते हैं। नए गुर और अनुशासन तो दूर यह
देखने वाला भी कोई नहीं है कि कितने खिलाड़ी मैदान में पहुंचे। इस अव्यवस्था से
हजार से ज्यादा खिलाड़ी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं आधिकारियों का कहना है कि पूरे
प्रदेश में खिलाड़ी इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं।
मुख्यालय से निर्देश मिलते ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। फिलहाल वरिष्ठ खिलाड़ियों के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित नहीं हो रहा है। -चंद्रमौली पांडेय, आरएसओ, वाराणसी
मुख्यालय से निर्देश मिलते ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। फिलहाल वरिष्ठ खिलाड़ियों के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। खिलाड़ियों का प्रशिक्षण प्रभावित नहीं हो रहा है। -चंद्रमौली पांडेय, आरएसओ, वाराणसी