उत्तर प्रदेश
लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की एलटी ग्रेड परीक्षा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने
वाले मजीदिया इस्लामिया इंटर कॉलेज के शिक्षक एवं युवा कवि इमरान खान पामाल फंस गए
हैं। उनका दावा पूरी तरह से गलत साबित हुआ। आयोग ने अफवाह फैलाए जाने के मामले में
इमरान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और उनके निलंबन के लिए डीआईओएस को संस्तुति
भेजने का निर्णय लिया है।
इमरान ने
लिखित रूप से विज्ञप्ति जारी करते हुए आरोप लगाया था कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती
परीक्षा के तहत संस्कृत, गृह विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के पेपर में धांधली हुई। बतौर
कक्ष निरीक्षक उन्होंने सुना था कि कुछ अभ्यर्थी एक-दूसरे से कह रहे थे कि सवाल न
आने पर ओएमआर खाली छोड़ दें, बाद में सेटिंग के तहत आयोग में ओएमआर पर सही जवाब भर दिया
जाएगा। इमरान का यह दावा था कि कुछ अभ्यर्थियों ने केवल 10 से 12 सवाल ही हल किए और बाकी
ओएमआर को ब्लैंक छोड़ दिया। इमरान का यह दावा पूरी तरह गलत साबित हो गया है। आयोग
के सचिव जगदीश ने बताया कि संस्कृत, गृह विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा
का सेंटर प्रयागराज में था ही नहीं। केवल हिंदी विषय की परीक्षा प्रयागराज में हुई
थी।
हिंदी विषय की परीक्षा में यहां केवल महिलाओं का सेंटर था लेकिन, इस परीक्षा में भी मजीदिया इस्मालिया इंटर कॉलेज को सेंटर नहीं बनाया गया था। ऐसे में इमरान खान का एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में कक्ष निरीक्षक होने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने अफवाह फैलाकर आयोग की छवि को दागदार करने का प्रयास किया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही इमरान के निलंबन के लिए डीआईओएस को संस्तुति भेजी जाएगी। उधर, इस पूरे मामले में खुद को फंसता देख इमरान ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि उन्हें पत्र में त्रुटिवश उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का नाम लिख दिया था जबकि यह पूरा मामला माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से संबंधित है।
हिंदी विषय की परीक्षा में यहां केवल महिलाओं का सेंटर था लेकिन, इस परीक्षा में भी मजीदिया इस्मालिया इंटर कॉलेज को सेंटर नहीं बनाया गया था। ऐसे में इमरान खान का एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में कक्ष निरीक्षक होने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने अफवाह फैलाकर आयोग की छवि को दागदार करने का प्रयास किया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही इमरान के निलंबन के लिए डीआईओएस को संस्तुति भेजी जाएगी। उधर, इस पूरे मामले में खुद को फंसता देख इमरान ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि उन्हें पत्र में त्रुटिवश उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का नाम लिख दिया था जबकि यह पूरा मामला माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से संबंधित है।