मुख्य सचिव राजीव
कुमार के नाम से जारी एक फर्जी आदेश को लेकर शुक्रवार को दिन भर सचिवालय में
अफरातफरी रही। इस शासनादेश में राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से
बढ़ाकर 62 साल किए जाने की बात कही गई थी।
शासनादेश के सोशल मीडिया पर वायरल
होने के बाद प्रदेश के लोग इसकी पुष्टि के लिए प्रदेश भर के लोग मुख्य सचिव
कार्यालय से लेकर नियुक्ति विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने में जुटे रहे।
शुरुआत में शासन के अफसरों को माजरा समझ में नहीं आया और वे काफी परेशान रहे। हालांकि छानबीन के बाद पता चला कि शासनादेश फर्जी है और यह कारस्तानी किसी फ्रॉड ग्रुप ने है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।
शुरुआत में शासन के अफसरों को माजरा समझ में नहीं आया और वे काफी परेशान रहे। हालांकि छानबीन के बाद पता चला कि शासनादेश फर्जी है और यह कारस्तानी किसी फ्रॉड ग्रुप ने है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।