उत्तर प्रदेश लोक
सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पर सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। सीबीआई की टीम ने अब
आयोग द्वारा छिपाए जा रहे दस्तावेजों को ढूंढ़-ढूंढ़कर जब्त करना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में बुधवार को सीबीआई के हाथ कुछ ऐसे मॉडरेटरों के नाम लगे हैं, जो
भर्तियों में हुई धांधली के संदिग्ध हैं। सीबीआई द्वारा बार-बार नंबर घटाने-बढ़ाने
के खेल में शामिल मॉडरेटरों के नाम मांगे जा रहे थे लेकिन, आयोग
इन मॉडरेटरों के नाम बताने से बचता आ रहा था। सीबीआई की 60 सदस्यीय
आठ टीमों ने दूसरे दिन भी आयोग में छापेमारी कर कई गोपनीय दस्तावेजों को जब्त कर
लिया। इस दौरान टीम ने अपना पूरा फोकस मॉडरेशन व स्केलिंग से जुड़े अभिलेखों पर
केंद्रित रखा।
सूत्रों के मुताबिक जब्त दस्तावेजों से ही
संदिग्ध मॉडरेटरों के नाम मिले हैं। जांच टीम जल्द इन मॉडरेटरों से भी पूछताछ कर
सकती है। आयोग की भर्तियों में हुई धांधली की जांच के दौरान सीबीआई को पहले ही
लाखों की संख्या में दस्तावेज मिले हैं। लेकिन आयोग ने बहुत से दस्तावेजों को छिपा
लिया है। ऐसे में संदिग्ध अभिलेखों की छटनी के बाद अब सीबीआई खुद आयोग द्वारा
छिपाए गए दस्तावेजों को खोजकर निकालने में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई अब भर्तियों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की तैयारी में है। एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में दिन में करीब 11 बजे आयोग में दाखिल हुई टीमों ने गोपनीय अनुभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से सख्ती से पूछताछ की। दिन भर चली कार्रवाई के बाद सिर्फ एसपी ही कैंप कार्यालय लौटे। बाकी टीमों ने आयोग में ही डेरा डाले रखा। हालांकि सीबीआई को अब भी ऐसे कई दस्तावेजों की तलाश है जो या तो छिपा दिए गए हैं, या फिर गायब हैं। इसे लेकर जांच टीमें आयोग के वर्तमान व पूर्व अधिकारियों-कर्मचारी से कड़ाई से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जब तक एक-एक दस्तावेज नहीं मिल जाते हैं तब तक कार्रवाई जारी रहेगी। इससे जांच लंबी चलने के आसार हैं।
आयोग की भर्तियों में हुई धांधली से जुड़े कई पूर्व व वर्तमान अधिकारियों-कर्मचारियों की गिरफ्तारी के आसार दिखने लगे हैं। सीबीआई ठोस सुबूत मिलते ही ऐसे आयोग कर्मियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए पीसीएस 2015 के साथ अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुईं बड़ी भर्ती परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नामजद मुकदमे भी दर्ज हो सकते हैं।
भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर सीबीआई अब आयोग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है। इसके बाद इन आयोग कर्मियों को कैंप कार्यालय बुलाकर पूछताछ होगी। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई तेजी से निर्णायक कदम उठाने की दिशा में है। जल्द ही इसके परिणाम भी दिखने लगेंगे।
सूत्रों के मुताबिक आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई अब भर्तियों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की तैयारी में है। एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में दिन में करीब 11 बजे आयोग में दाखिल हुई टीमों ने गोपनीय अनुभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से सख्ती से पूछताछ की। दिन भर चली कार्रवाई के बाद सिर्फ एसपी ही कैंप कार्यालय लौटे। बाकी टीमों ने आयोग में ही डेरा डाले रखा। हालांकि सीबीआई को अब भी ऐसे कई दस्तावेजों की तलाश है जो या तो छिपा दिए गए हैं, या फिर गायब हैं। इसे लेकर जांच टीमें आयोग के वर्तमान व पूर्व अधिकारियों-कर्मचारी से कड़ाई से पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जब तक एक-एक दस्तावेज नहीं मिल जाते हैं तब तक कार्रवाई जारी रहेगी। इससे जांच लंबी चलने के आसार हैं।
आयोग की भर्तियों में हुई धांधली से जुड़े कई पूर्व व वर्तमान अधिकारियों-कर्मचारियों की गिरफ्तारी के आसार दिखने लगे हैं। सीबीआई ठोस सुबूत मिलते ही ऐसे आयोग कर्मियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए पीसीएस 2015 के साथ अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुईं बड़ी भर्ती परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नामजद मुकदमे भी दर्ज हो सकते हैं।
भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर सीबीआई अब आयोग के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है। इसके बाद इन आयोग कर्मियों को कैंप कार्यालय बुलाकर पूछताछ होगी। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई तेजी से निर्णायक कदम उठाने की दिशा में है। जल्द ही इसके परिणाम भी दिखने लगेंगे।