बेसिक शिक्षा विभाग के
सहायक निदेशक विजय शंकर मिश्रा और वाराणसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण
चौधरी को बुधवार को निलंबित कर दिया गया है। दोनों अधिकारियों पर वाराणसी में
विद्यालयों को मान्यता देने के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप है। वाराणसी के
जिलाधिकारी ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
डीएम वाराणसी को शिकायत मिली थी
कि सहायक निदेशक विजय शंकर मिश्रा और बीएसए ब्रजभूषण चौधरी स्कूलों को मान्यता
देने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। डीएम ने इसकी जांच नगर मजिस्ट्रेट से कराई।
जांच में आरोप सही पाया गया है। यह भी पता चला कि पैसा नहीं मिलने में स्कूल की मान्यता संबंधी पत्रावलियों को लंबित रखा जा रहा है। डीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह को यह रिपोर्ट भेजकर दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव के आदेश पर सहायक निदेशक मिश्रा व बीएसए चौधरी को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में दोनों अधिकारी बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ से अटैच रहेंगे।
जांच में आरोप सही पाया गया है। यह भी पता चला कि पैसा नहीं मिलने में स्कूल की मान्यता संबंधी पत्रावलियों को लंबित रखा जा रहा है। डीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह को यह रिपोर्ट भेजकर दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव के आदेश पर सहायक निदेशक मिश्रा व बीएसए चौधरी को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि में दोनों अधिकारी बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ से अटैच रहेंगे।
दो बाबू पहले हो चुके हैं निलंबित
पैसे लेकर मान्यता देने की शिकायत पर दो बाबुओं पर पहले ही गाज
गिर चुकी है। एडी बेसिक और बीएसए को तो बुधवार को निलंबित किया गया लेकिन इस मामले
में डीएम ने तीन मई को ही दो बाबुओं को निलंबित कर दिया था। दो मई को डीएम को ये
शिकायत मिली थी कि मान्यता देने के लिए स्कूलों से मोटी रकम वसूली जा रही है।
शिकायत पर उन्होंने अगले ही दिन बीएसए कार्यालय पर छापा मारा। मान्यता से जुड़ी फाइलें खंगालीं। इसमें एडी बेसिक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के भी लिप्त होने की भी सूचना मिली थी।
पता चला था कि जिसके बाद डीएम ने जांच करवाई थी। सूत्रों के मुताबिक मान्यता के लिए रकम निर्धारित थी। कक्षा एक से पांच तक की मान्यता के लिए 25 हजार रुपये, छह से आठ तक की मान्यता के लिए 50 हजार और एक से आठ तक की मान्यता के लिए 80 हजार रुपये बाबुओं की ओर से तय थे और बगैर उच्चाधिकारियों के ये खेल मुमकिन नहीं।
शिकायत पर उन्होंने अगले ही दिन बीएसए कार्यालय पर छापा मारा। मान्यता से जुड़ी फाइलें खंगालीं। इसमें एडी बेसिक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के भी लिप्त होने की भी सूचना मिली थी।
पता चला था कि जिसके बाद डीएम ने जांच करवाई थी। सूत्रों के मुताबिक मान्यता के लिए रकम निर्धारित थी। कक्षा एक से पांच तक की मान्यता के लिए 25 हजार रुपये, छह से आठ तक की मान्यता के लिए 50 हजार और एक से आठ तक की मान्यता के लिए 80 हजार रुपये बाबुओं की ओर से तय थे और बगैर उच्चाधिकारियों के ये खेल मुमकिन नहीं।