Tuesday, July 3, 2018

हर इमरजेंसी के लिए अब यूपी में डायल करें बस एक ही नंबर


यूपी में पुलिस सहायता, एंबुलेंस और अग्निशमन के दौरान मदद के लिए अब सिर्फ 112 डायल करना होगा। यानी किसी भी तरह की इमरजेंसी में मदद के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने की जरूरत खत्म हो गई है।
यह पैन इंडिया के तहत इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम 112 से जोड़ने पर संभव हुआ है। यह जानकारी प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने दी। कहा, अगर कोई 112 नंबर डायल करता है कॉल सीधे यूपी 100 को मिलती है और पूरी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। फायर व एंबुलेंस सेवा को पहले ही इससे जोड़ा जा चुका है।
सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा ने सभी राज्यों के प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और संबंधित एडीजी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें देश भर में सिर्फ एक इमरजेंसी नंबर 112 लागू करने पर विचार किया गया।

इस दौरान यूपी के इसरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को उच्च श्रेणी का बताया गया। इसे मॉडल मानते हुए हर राज्य में इसी तरह का रिस्पांस सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए गए। वहीं, यह भी तय हुआ कि जिन राज्यों के पास सेंट्रल रिस्पांस सिस्टम है, उन्हें सीधे 112 से जोड़ा जाएगा और जिन राज्यों के पास यह सुविधा नहीं हैं, वहां के लिए केंद्र सरकार धन मुहैया कराएगी। 

अगस्त तक सेंट्रल इमरजेंसी एप से भी जुड़ेगा यूपी

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने ने बताया कि पैन इंडिया के तहत पूरे देश में इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम लागू किया जाना है। इसके लिए सेंटर फॉर डवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) को मोबाइल एप तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।

इस विशेष में एक पैनिक बटन का प्रावधान होगा। यानी महिलाएं मदद के लिए मोबाइल के बटन को जैसे ही दबाएंगी, तो मोबाइल का कैमरा अपने आप ही इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम से जुड़ जाएगा। यूपी वासियों को यह सुविधा अगस्त से मिलनी शुरू हो जाएगी

यूपी में ई-प्रिजन का काम लगभग हो चुका पूरा 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ई-प्रिजन पर भी चर्चा हुई। प्रमुख सचिव कारागार की हैसियत से अरविंद कुमार ने बताया कि यूपी में ई-प्रिजन का काम लगभग पूरा हो गया है। यहां प्रिजन इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम और विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम के लिए डाटा अपलोड किया जा चुका है।

प्रदेश में अगर कोई किसी कैदी से मुलाकात करना चाहता है तो इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करा सकता है। यहां हर कैदी की जानकारी डाटाबेस में उपलब्ध है।

लैंगिंग अपराधियों का तैयार हो रहा डाटाबेस

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि अभियोजन, न्यायालय व पुलिस के बीच एकीकृत प्रणाली लागू किया जा रहा है। इसके लिए डाटा अपलोड किया जा रहा है। इससे महिलाओं के साथ अपराध और लैंगिंग अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने में आसानी होगी

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