Monday, June 24, 2019

व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दिया जाएगा अंतिम रूप - निशंक


केंद्रीय एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोक सभा में बताया कि सभी पक्षों की टिप्पणियों और सुझावों पर विचार के बाद ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि त्रिभाषा फॉर्मूले पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मसौदा रिपोर्ट में भाषा विकल्प के संबंध में लचीलेपन का प्रस्ताव किया गया है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान निशंक ने बताया कि सभी पक्षों की टिप्पणियों और प्राप्त सुझावों पर विचार-विमर्श के बाद ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। मालूम हो कि इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने 31 मई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मसौदा रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पढ़ाए जाने से विवाद पैदा हुआ है।
संस्कृत शिक्षकों के 800 पद रिक्त
एक सवाल के जवाब में निशंक ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालयों और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा वित्तपोषित संस्थानों में शिक्षकों के कुल 1,748 पदों में से 800 से ज्यादा पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के लिए सरकार ने विशेष अभियान चलाया है। फिलहाल शिक्षकों की कमी को गेस्ट और पार्ट-टाइम शिक्षकों से पूरा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में 120 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में संस्कृत विषय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। जबकि देश में तीन डीम्ड समेत 15 संस्कृत विश्वविद्यालय हैं। इन विश्वविद्यालयों से 1,000 पारंपरिक संस्कृत कॉलेज संबद्ध हैं जिनमें करीब 10 लाख छात्र अध्ययनरत हैं।
केंद्रीय विद्यालयों में दो पालियों का प्रस्ताव नहीं
केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में दो पालियां शुरू करने के किसी भी प्रस्ताव से निशंक ने इन्कार किया। एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

narad

subah e banaras

ensoul