केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है
कि उच्च शिक्षा वित्तीय एजेंसी (एचईएफए) के पूंजीगत आधार के विस्तार को मंजूरी
दिये जाने से देश में उच्च शिक्षा व शोध का ढांचा आने वाले वर्षो में तेजी से
मजबूत होगा और देश के छात्रों को बेहतर अवसर उपलबध होंगे। उन्होने कहा कि उच्च
शिक्षा के क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक फैसला है।केन्द्रीय मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि एचईएफए को अपना
पूंजी आधार 10 हजार
करोड़ करने तथा वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ करने की मंजूरी
दिया जाना शिक्षा में बुनियादी ढांचे और पण्रालियों को बढ़ाने तथा शिक्षा क्षेत्र
को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा
संस्थानों में अनुसंधान और अकादमिक आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त
वित्त प्रदान करने की दिशा में यह एक ऐसी पहल है जिसके परिणाम उच्च शिक्षा में
जल्द दिखाई देंगे। उन्होंने बताया, शिक्षा के लिए 2013-14
में 65,867 करोड़ रु पये का बजट था लेकिन
मौजूदा सरकार ने 2018-19 में 67% की
वृद्धि के साथ इसमें 1,10,000 करोड़ रु पये कर दिया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों की वास्तविक आवश्यकता के आधार पर चालू वर्ष में 22,000
करोड़ रु पये को एचईएफए द्वारा एकत्र किये जायेंगे जिससे देश में
अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अनुसंधान सुविधाओं को उपलब्ध करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इससे देश के विविद्यालय विदेशी नागरिकों को भारतीय विविद्यालयों
में आकर्षित कर सकेंगे। उन्होंने कहा, नए संस्थानों पर कोई
बोझ नहीं होगा क्योंकि सरकार ऋण का पूरा बोझ उठाएगी और इस परियोजना के कारण छात्र
शुल्क में कोई वृद्धि नहीं होगी।