हाईकोर्ट ने
कहा कि किसी भी याचिका को खारिज करते समय ऐसा करने की वजह बताना जरूरी है। याचिका
को बिना कारण बताए गुण दोष के आधार पर खारिज नहीं की जा सकती है। मुख्य
न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की पीठ ने ऐसे दो मामलों में
एकल न्यायपीठ द्वारा निर्णीत आदेश रद्द करते हुए याचिकाओं को फिर से सुनवाई के लिए
संबंधित न्यायपीठों के पास भेज दिया है।
रमेश चंद्र
दोहरे बनाम आईजी रजिस्ट्रेशन के मामले में दाखिल विशेष अपील में आठ फरवरी 2019 के एकल
न्यायपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी। अपीलार्थी के अधिवक्ता का कहना था कि उनके
सुनवाई के समय हाजिर न पाने के कारण एकलपीठ ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि
याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। ऐसा आदेश करते हुए उन्होंने इसकी
कोई वजह नहीं बताई। याचिका को गुणदोष के आधार पर खारिज करने के लिए ऐसा करने का
स्पष्ट कारण बताना आवश्यक है।
खंडपीठ ने इस दलील को स्वीकार करते हुए रिट कोर्ट को मेरिट पर याचिका निस्तारित करते समय आदेश देने का कारण स्पष्ट करना चाहिए जबकि, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर पुन: सुनवाई के लिए वापस भेज दिया है। वीरेंद्र सिंह और पांच अन्य तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के मामले में भी एकलपीठ के इसी प्रकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने इस मामले में भी एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
खंडपीठ ने इस दलील को स्वीकार करते हुए रिट कोर्ट को मेरिट पर याचिका निस्तारित करते समय आदेश देने का कारण स्पष्ट करना चाहिए जबकि, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर पुन: सुनवाई के लिए वापस भेज दिया है। वीरेंद्र सिंह और पांच अन्य तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा के मामले में भी एकलपीठ के इसी प्रकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। खंडपीठ ने इस मामले में भी एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।