Tuesday, May 28, 2019

अब 30 जून तक होंगे ट्रांसफर: CM योगी आदित्यनाथ ने दी स्थानांतरण नीति में संशोधन को मंजूरी



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तर प्रदेश स्थानांतरण नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। अब उत्तर प्रदेश में 30 जून तक तबादले होंगे। पहले 30 मई तक ही तबादला की अंतिम तिथि थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ अब अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ शासन स्तर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के मूड में हैं। मंत्रिमंडल में विभागों के पुनर्गठन के बाद जून में होंगे। पुनर्गठन प्रस्ताव पर अमल होने के बाद मौजूदा 95 विभागों की जगह पर 57 विभाग ही रह जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल के संकेत दिए थे। इसके अलावा कृषि उत्पादन आयुक्त सहित शासन स्तर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के कई महत्वपूर्ण पद या तो रिक्त हैं या अतिरिक्त प्रभार पर चल रहे हैं। अब आचार संहिता खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार व शासन स्तर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले की अटकलें तेज हो गई थीं। प्रदेश में अब 30 जून तक सरकारी कर्मचारियों के तबादले होंगे।
प्रदेश सरकार की अब मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विभागों के पुनर्गठन की कार्यवाही पूरी करने की तैयारी है। कार्यवाही शुरू हो गई है। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। जून में ही विभागों का पुनर्गठन, मंत्रिमंडल विस्तार व प्रशासनिक अफसरों का तबादला होगा। नीति आयोग ने गवर्नेंस में सुधार व सरकारी योजनाओं को तेजी से जनता तक के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर विभागों के पुनर्गठन का सुझाव दिया था।
प्रदेश सरकार ने इस प्रस्ताव पर विचार के लिए तत्कालीन अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन जनवरी 2018 को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास संतोष यादव व सचिव नियोजन नीना शर्मा शामिल थीं। यह समिति पिछले साल ही मुख्यमंत्री को अपनी संस्तुतियां सौंप चुकी है। सीएम ने अब इस पर अमल का निर्देश दे दिया है।
प्रस्तावित पुनर्गठन केवल सचिवालय स्तर तक सीमित रहेगा। यहां सभी विभागों में सचिवालय सेवा के एक समान कंप्यूटर सहायक एवं सहायक समीक्षा अधिकारी से विशेष सचिव तक अधिकारी होते हैं। यहां पुनर्गठन में किसी तरह की समस्या आने की संभावना नहीं है। निदेशालय व फील्ड में सेवा संवर्गों की अलग-अलग समस्याएं होती हैं। पुनर्गठन से वहां कुछ विसंगतियां आ सकती हैं। ऐसे में शासन स्तर पर विभागों के पुनर्गठन के बाद ही विभागाध्यक्ष व फील्ड स्तर पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह कार्यवाही होगी।
समिति के पुनर्गठन प्रस्ताव पर अमल होने के बाद मौजूदा 95 विभागों की जगह पर 57 विभाग ही रह जाएंगे। समिति ने प्रस्तावित पुनर्गठन में शासन स्तर पर महत्वपूर्ण विभागों में नीतिगत निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयुक्त प्रणाली लागू करने का भी सुझाव दिया है। समाज कल्याण आयुक्त, कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त और वित्त आयुक्त की तरह शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त व राजस्व संसाधन आयुक्त जैसे नए पदों के सृजन का प्रस्ताव है।

narad

subah e banaras

ensoul