Wednesday, June 12, 2019

माता-पिता की सेवा नहीं की तो सजा


पटना : बिहार सरकार ने समाज कल्याण विभाग के एक प्रस्ताव पर 2007 में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम में संशोधन किया है। पूर्व में बच्चों द्वारा प्रताड़ित किए जाने वाले माता-पिता को न्याय के लिए जिलों के परिवार न्यायालय में अपील करनी होती थी, जहां सुनवाई प्रधान न्यायाधीश के स्तर पर होती थी। अब माता-पिता डीएम की अध्यक्षता में गठित अपील अधिकरण में अपील करेंगे। डीएम ही मामले की सुनवाई करेंगे। यह भी फैसला हुआ है कि बिहार में एक अप्रैल 2019 के प्रभाव से लागू की गई वृद्धजन पेंशन योजना के आवेदनों को अब लटका कर नहीं रखा जा सकेगा। किसी भी बुजुर्ग द्वारा दिए गए आवेदन का निपटारा 21 दिनों के अंदर करना होगा।
पुलवामा में शहीद बिहार के जवानों के एक परिजन को नौकरी: कश्मीर के पुलवामा और कुपवाड़ा में शहीद भागलपुर के रतन कुमार ठाकुर, पटना के संजय कुमार सिन्हा और बेगूसराय के शहीद ¨पटू कुमार के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी मिलेगी। बिहार सरकार ने यह फैसला किया है। परिजन की नियुक्ति उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर तृतीय अथवा चतुर्थ वर्गीय श्रेणी में हो सकेगी। शहीद जवान की प}ी परिवार के जिस सदस्य के नाम की अनुशंसा करेंगी, उन्हें सरकारी नौकरी में नियुक्त किया जाएगा। बिहार की कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी।

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