सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले अब बिना किसी सिफारिश व दबाव के
होंगे। तबादलों में पूरी पारदर्शिता अपनाने और मनमानी रोकने के लिए मुख्यमंत्री
योगी ने सभी विभागों में अब सिर्फ परफार्मेन्स के आधार पर स्थानांतरण करने का
निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने ग्राम्य विभाग विभाग द्वारा अपनायी जा रही
स्थानांतरण प्रक्रिया को मॉडल के तौर पर अपनाने के लिए कहा है। मंगलवार को लोकभवन
में कैबिनेट बैठक के बाद मुख्य सचिव डा.अनूप चंद पांडेय ने परफार्मेन्स आधारित
स्थानांतरण प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण किया।
ग्राम्य विकास विभाग में पिछले वर्ष से इस प्रक्रिया से ही स्थानांतरण किए
जा रहे हैं। ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेंद्र सिंह ने
बताया कि ‘टेक्नोलॉजी
बेस्ड ट्रांसपैरेंट ट्रांसफर मैकेनिज्म’
से मेरिट
के आधार पर खंड विकास अधिकारियों के तबादले उनकी पसंद से किए गए थे।
कैसे होंगे स्थानांतरण : आयुक्त एनपी सिंह ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों व
एनआइसी से परामर्श कर पोर्टल बनाया गया। स्थानान्तरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त
किये गए। दस माह के परफार्मेन्स के आधार पर रैंकिंग निकाली गई। जिन जिलों से
अधिकारी हटे थे, उनकी सूची
पोर्टल पर अपलोड की गई। स्थानान्तरित होने वाले प्रत्येक अधिकारी से व्यक्तिगत
सूचना ली गई कि वे किन-किन जिलों में तीन वर्ष तथा किस मंडल में सात वर्ष रह चुके
हैं। अधिकारियों के नाम केआगे उक्त सूचना को अपलोड किया गया। इसके बाद अधिकारियों
से स्थानांतरण के लिए पांच जिलों का विकल्प मांगा गया। आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त
होने के बाद पोर्टल स्वत: ही बंद हो जाता है। अंकों के आधार पर अधिकारियों को उनके
द्वारा दिए गए विकल्प वाले जिले में खुली बैठक में स्थानांतरित किया गया।