राष्ट्रीय बाल
अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को बेबी
शैम्पू की खेप को तत्काल वापस लेने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने इस शैम्पू में
हानिकारक रसायन होने का दावा किया है, जिसे कंपनी ने खारिज कर कहा है कि उसके
उत्पाद सुरक्षित हैं।
कंपनी का कहना
है कि हाल ही में राजस्थान की एक सरकारी प्रयोगशाला में गलती से यह निष्कर्ष निकला
था कि शैम्पू में हानिकारक रसायन हैं जबकि उसके उत्पादों में ऐसा कोई घातक तत्व
मौजूद नहीं है। इस निष्कर्ष के संबंध में एनसीपीसीआर में शिकायत दर्ज की गई थी।
इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैम्पू बेबी शैम्पू और पाउडर के सैम्पलों के परीक्षण करने को कहा था। अब आयोग ने कंपनी को मानक गुणवत्ता के अनुरूप न मिली शैम्पू की खेप को फौरन वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने पिछले गुरुवार को जारी किए एक पत्र में कहा था कि इस बैच के उत्पाद बाजार में मौजूद होने की वजह से हो सकता है ग्राहकों ने इसका इस्तेमाल कर लिया हो, इसलिए अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में एक एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए।
आयोग ने कहा है कि लोग विशेष बैच के सभी उत्पादों के इस्तेमाल से बचें। आयोग ने 29 मई तक मामले में पालना रिपोर्ट भी उसके समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। उधर कंपनी का लगातार कहना है कि उसके उत्पाद सुरक्षित हैं।
इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैम्पू बेबी शैम्पू और पाउडर के सैम्पलों के परीक्षण करने को कहा था। अब आयोग ने कंपनी को मानक गुणवत्ता के अनुरूप न मिली शैम्पू की खेप को फौरन वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने पिछले गुरुवार को जारी किए एक पत्र में कहा था कि इस बैच के उत्पाद बाजार में मौजूद होने की वजह से हो सकता है ग्राहकों ने इसका इस्तेमाल कर लिया हो, इसलिए अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में एक एडवाइजरी जारी की जानी चाहिए।
आयोग ने कहा है कि लोग विशेष बैच के सभी उत्पादों के इस्तेमाल से बचें। आयोग ने 29 मई तक मामले में पालना रिपोर्ट भी उसके समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। उधर कंपनी का लगातार कहना है कि उसके उत्पाद सुरक्षित हैं।