*बेसिक
शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक उन्नयन के लिए विभागीय कार्यशाला सम्पन्न*
*पढ़ाई के साथ खिलवाड़ देश के साथ
खिलवाड़ है - जिलाधिकारी*
*हम किसी भी दशा में शिक्षा में ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे
- सुरेंद्र सिंह*
जिलाधिकारी
सुरेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को बड़ा लालपुर स्थित टी0एफ0सी0 सभागार में बेसिक शिक्षा एवं
माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक उन्नयन के लिए आयोजित विभागीय कार्यशाला को सम्बोधित
करते हुए कहा कि पढाई के साथ खिलवाड़ देश के साथ खिलवाड़ है और हम किसी भी दशा में
शिक्षा में ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को जब लगेगा कि
हम अच्छा करते हैं तो उसको कोई महत्व नहीं देता और बुरा करते हैं तो उसे कोई डर
नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले निश्चित ही पहचान बना लिया करते हैं। जिस समाज में शिक्षक को सम्मान नहीं मिलेगा तब वो समाज को भी सम्मान लायक नहीं रहने देगा। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जहां सारी सुविधाएं सरकार द्वारा निशुल्क दी जा रही हैं वहां लोग अपने बच्चों को पढाई करने के लिए नहीं भेजते और जहां अत्यधिक रुपए पढ़ाई पर खर्च होते हैं वहां लोग बच्चों के दाखिले के लिए सिफारिशें कराते हैं। हमारे शिक्षकों ने दिन रात मेहनत कर के स्थिति बदली है अब स्कूलों में दाखिले की सिफारिशें भी आने लगीं हैं लेकिन अभी हम अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंचे हैं।शिक्षक संगठनों से भी शिक्षा को अपनी समस्याओं और तमाम शिकायतों से ऊपर रखते हुए एक टीम भावना से काम करने को कहा। उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा के प्रति लोगों में प्रचलित धारणाओं को बदलने के लिए मिलकर कार्य करने की अपील की। स्कूलों में मिड-डे-मील के लिए फोर्टिफाईड आटा,चावल आदि के भंडारण से लेकर खाना पकाने और परोसने तक सभी स्तर पर सफाई और शुद्धता के नियम और तरीकों का उल्लेख किया।
इस मौके पर सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अच्छे कार्य करने वाले निश्चित ही पहचान बना लिया करते हैं। जिस समाज में शिक्षक को सम्मान नहीं मिलेगा तब वो समाज को भी सम्मान लायक नहीं रहने देगा। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जहां सारी सुविधाएं सरकार द्वारा निशुल्क दी जा रही हैं वहां लोग अपने बच्चों को पढाई करने के लिए नहीं भेजते और जहां अत्यधिक रुपए पढ़ाई पर खर्च होते हैं वहां लोग बच्चों के दाखिले के लिए सिफारिशें कराते हैं। हमारे शिक्षकों ने दिन रात मेहनत कर के स्थिति बदली है अब स्कूलों में दाखिले की सिफारिशें भी आने लगीं हैं लेकिन अभी हम अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंचे हैं।शिक्षक संगठनों से भी शिक्षा को अपनी समस्याओं और तमाम शिकायतों से ऊपर रखते हुए एक टीम भावना से काम करने को कहा। उन्होंने सरकारी स्कूलों की शिक्षा के प्रति लोगों में प्रचलित धारणाओं को बदलने के लिए मिलकर कार्य करने की अपील की। स्कूलों में मिड-डे-मील के लिए फोर्टिफाईड आटा,चावल आदि के भंडारण से लेकर खाना पकाने और परोसने तक सभी स्तर पर सफाई और शुद्धता के नियम और तरीकों का उल्लेख किया।
इस मौके पर सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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