शिक्षा का स्तर सुधारने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खासी
दिलचस्पी को देखते हुए अधिकारी सजग हो गए हैं। गुरुवार को जनपद के प्राथमिक और
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्रयाग संगीत समिति में बुलाकर
शासन की मंशा से अवगत कराया गया। खुद डीएम और सीडीओ ने आकर पठन-पाठन का माहौल
बेहतर करने की बात कही।
संवाद कार्यक्रम में गुरुवार को दो सत्रों में 3478 स्कूलों के
प्रधानाध्यापकों ने शिरकत की। पहले सत्र में डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने 27 मिनट के
अपने संबोधन में प्रधानाध्यापकों को उनके योगदान के लिए सराहा तो लापरवाही पर सख्त
तेवर भी दिखाए। उन्होंने कहाकि एक जुलाई को स्कूल खुलने के साथ ही छात्र-छात्रओं
को जूते-मोजे, बैग, पुस्तकें
मुहैया करा दी जाएं। यूनिफार्म तैयार कर जल्द से जल्द विद्यार्थियों को देने की
प्रक्रिया पूरी की जाए। स्कूलों का रंग-रोगन,
रसोई, कक्षाओं, परिसर की
सफाई वैसे ही करें जैसे अपने घर की करते हैं। साफ पेयजल और बिजली व्यवस्था होनी
चाहिए। शिक्षक स्कूलों में बेहतर माहौल बनाएं। बच्चों का स्कूल ड्राप आउट जीरो पर
लाएं। यह भी नहीं होना चाहिए कि नामांकन 400
बच्चों का
हो लेकिन दिसंबर में ढाई सौ ही मिलें। डीएम ने हिदायत दी कि बच्चों के लिए मिड डे
मील मन लगाकर बनाएं,
उसमें
स्वाद होना चाहिए। गैस सिलेंडर और चूल्हे चोरी हो गए हैं तो एफआइआर कॉपी बीइओ को
पहुंचा दें, नए चूल्हे
और सिलेंडर स्कूल को मिल जाएंगे। सीडीओ अर¨वद सिंह ने
भी स्कूलों में पठन-पाठन का बेहतर माहौल तैयार करने और नामांकन लक्ष्य से ज्यादा
करने के लिए कहा और आगाह किया कि वह जुलाई में अक्सर स्कूलों का निरीक्षण करने
जाएंगे और तब कोई लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। बीएसए संजय कुशवाहा, बीइओ
मुख्यालय अजरुन सिंह,
मिड डे मील
संयोजक राजीव त्रिपाठी ने भी जरूरी सलाह और दिशा-निर्देश दिए। संवाद में डीएम ने
बोलना शुरू किया तो सामने कुर्सी पर बैठे एक प्रधानाध्यापक को पैर हिलाते देख
नाराज हो गए। उन्होंने प्रधानाध्यापक का नाम नोट करने के निर्देश दिए और कहा कि
अनुशासनहीनता बरत रहे हैं तो फिर क्या सिखाएंगे। मोबाइल पर भी डीएम ने टोका।